Rahat Indori Ke SHER | राहत इंदौरी के शेर

राहत इंदौरी के शेर (Rahat Indori Ke Sher) उर्दू शायरी की दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ गए हैं। उनकी शायरी में बगावत, मोहब्बत, दोस्ती और सियासत (Politics) की साफ़ झलक मिलती है। Rahat Indori Sher और Rahat Indori Ka Sher इंटरनेट पर सबसे ज्यादा खोजे जाने वाले Topics में से हैं। चाहे आप Rahat Indori Sher in Hindi पढ़ना चाहें या Rahat Indori Sher in Urdu, हर भाषा में उनकी बात सीधे दिल तक पहुँचती है। Dr Rahat Indori Ke Sher में दर्द, इश्क़ और समाज की हकीकत का ज़िक्र बेहद खूबसूरती से होता है।

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राहत इंदौरी के शेर: जज्बातों का अनोखा संगम

❤️ बुलाती है मगर जाने का नहीं,
ये दुनिया है इधर जाने का नहीं।
🔥 आँख में पानी रखो, होंटों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।
🤝 दोस्ती जब किसी से की जाए,
दुश्मनों की भी राय ली जाए।
🌿 शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे।
🚶‍♂️ हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।
🌊 बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं।
💔 न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।
🌪️ तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो,
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो।
❄️ ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे,
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे।
😶‍🌫️ जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे,
मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे।
🍷 बिमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए,
मैं पीना चाहता हूँ, पिला देनी चाहिए।
🌸 फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो,
इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो।
👀 किसने दस्तक दी दिल पे, ये कौन है,
आप तो अंदर हैं, बाहर कौन है?
🍂 मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी।
🍷 गुलाब, ख़्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या है,
मैं आ गया हूँ, बता इंतज़ाम क्या क्या है।
🇮🇳 हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते हैं,
मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं।
🌞🌙 सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।
🥂 बोतलें खोल कर तो पी बरसों,
आज दिल खोल कर भी पी जाएं।
🎭 नए किरदार आते जा रहे हैं,
मगर नाटक पुराना चल रहा है।
🫂 मैं आ कर दुश्मनों में बस गया हूँ,
यहाँ हमदर्द भी हैं दो-चार मेरे।
🔥 अगर खिलाफ हैं होने दो, जान थोड़ी है,
ये सब धुआं है, कोई आसमान थोड़ी है।
🎯 सब कुछ मिला सुकून की दौलत नहीं मिली,
एक तुझको भूल जाने की मोहलत नहीं मिली।
😔 दिलों में आग, लबों पर गुलाब रखते हैं,
सब अपने चहरे पर दोहरी नक़ाब रखते हैं।
🎭 मैं मर जाऊँ तो मेरी अलग पहचान लिख देना,
खून से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना।
🌙 हिम्मत से सच बोलो तो जज़्बात बिखर जाते हैं,
तथ्यों की अदालत में अल्फाज़ मर जाते हैं।
🍂 लफ़्ज़ कांपते रहे लबों तक आते आते,
खुद को हम बयान न कर सके आज तक।
🪶 अपने किरदार पर गौर कर मैं खुद हैरान हूँ,
इतनी मुसीबतों में भी जिन्दा हूँ ये कम है क्या।
🤐 खामोशियाँ भी सुनती हैं, सबकी दास्ताँ,
अगर अल्फ़ाज़ न हों तो आँखें ही काफी हैं।
🕊️ दिल में जज़्बात का समंदर रखना,
कभी आंसू बन कर कभी लफ़्ज़ बन कर।
🌑 मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर,
लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया।

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