Heart Touching Gulzar Shayari | दिल को छू लेने वाली गुलज़ार शायरी

गुलजार साहब की शायरी में एक अनोखा दर्द है, जो सीधे दिल पर उतरता है। उनके शब्दों में एक गहराई है, जो हमारे जीवन के हर पहलू को छूती है। उनकी शायरी प्यार, दर्द, और जिंदगी के सच्चे पहलुओं को इतनी खूबसूरती से बयां करती है कि हमारा दिल उन शब्दों में खो जाता है। गुलजार साहब की शायरी हमारे दिल की गहराइयों को समझती है, और हमारे जीवन को एक नया अर्थ देती है। उनकी शायरी हमें प्यार की सच्चाई, दर्द की गहराई, और जिंदगी की खूबसूरती को महसूस करने का एक मौका देती है।

हमारी यह पोस्ट Heart Touching Gulzar Shayari आपके दिल के तारों को झंकृत करेगी, आपके जीवन के अनुभवों को नया अर्थ देगी, और आपको अपने भावनाओं के साथ जुड़ने का एक नया तरीका सिखाएगी। उनकी शायरी प्यार, दर्द, और जिंदगी के सच्चे पहलुओं को इतनी खूबसूरती से बयां करती है कि आपका दिल उन शब्दों में खो जाएगा। अगर आप अपने दिल की गहराइयों को समझना चाहते हैं, अपने जीवन को एक नया अर्थ देना चाहते हैं, और अपने भावनाओं को समझना चाहते हैं, तो गुलजार साहब की शायरी जरूर पढ़ें। यह आपके जीवन को बदल सकती है, और आपको एक नया दृष्टिकोण दे सकती है।

Heart Touching Gulzar Shayari in Hindi | दिल को छू लेने वाली गुलज़ार शायरी हिंदी में

बेहिसाब हसरते ना पालिये, जो मिला हैं उसे सम्भालिये।

बेहिसाब हसरते ना पालिये,
जो मिला हैं उसे सम्भालिये।

– गुलज़ार शायरी

 

क्योंकि हम तो आवारा थे... तो ये फरमान सुनाया गया...

क्योंकि हम तो आवारा थे… तो ये फरमान सुनाया गया…
की बेरोज़गारी का इश्क़ बाद में मुकम्मल नहीं होता…!!

– गुलज़ार शायरी

 

पसंद तो ये दुनियाँ भी नहीं आती कभी कभार...

पसंद तो ये दुनियाँ भी नहीं आती कभी कभार…
पर उस एक पल के लिए हम मर तो नहीं सकते…!!

– गुलज़ार शायरी

 

मेरे बगैर क्या होता मेरा ये सोचना भी मुश्किल है...

मेरे बगैर क्या होता मेरा ये सोचना भी मुश्किल है…
सब नें भरोसा तोड़ा है एक मेरे मुझको छोड़कर…!!

– गुलज़ार शायरी

 

किसी तरह कोई उन्हें ये पैग़ाम दे दे...

किसी तरह कोई उन्हें ये पैग़ाम दे दे…
हम मरे नहीं उनकी बेवाफ़ाई के बाद भी…!!

– गुलज़ार शायरी

 

अंदाज़ा मत लगाइए की आखिर में क्या होगा..

अंदाज़ा मत लगाइए की आखिर में क्या होगा…
चलनें का शौक़ हो शख़्स बहुत दूर निकल जाता है…!!

– गुलज़ार शायरी

 

कुछ मेरे फ़ैसलों में ख़राबी रही होगी ही...

कुछ मेरे फ़ैसलों में ख़राबी रही होगी ही…
वरना ये हाल तो सबका नहीं होता है…!!

– गुलज़ार शायरी

 

बिना बात भी बातचीत होती है साहब...

बिना बात भी बातचीत होती है साहब…
मैनें बैठ कर देखा है आज उसके बगल वाली कुर्सी पर…!!

– गुलज़ार शायरी

 

ख़बर अंदर की है पैसा ज़रूरी है बहुत...

ख़बर अंदर की है पैसा ज़रूरी है बहुत…
कहनें में अच्छा नहीं लगता तो लोग नहीं कहते…!!

– गुलज़ार शायरी

 

तकलीफ खुद ही कम हो गई,

तकलीफ खुद ही कम हो गई,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गई ।

– गुलज़ार शायरी

 

तस्वीरें लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब

तस्वीरें लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब
आईने गुजरा हुआ वक्त नहीं बताया करते!!

– गुलज़ार शायरी

 

दौलत नहीं शोहरत नहीं,न वाह चाहिए

दौलत नहीं शोहरत नहीं,न वाह चाहिए
“कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए!!

– गुलज़ार शायरी

 

कुछ पल की ख़ुशी देकर,

कुछ पल की ख़ुशी देकर,
ज़िन्दगी रुलाती क्यों है,,
जो लकीरों में नहीं होते,,,
क़िस्मत उन्ही से मिलाती क्यों है।

– गुलज़ार शायरी

 

हर दफ़ा उन्हें देखकर मुझे लगता है...

हर दफ़ा उन्हें देखकर मुझे लगता है…
कम से कम मुझसे बेहतर औलाद के हक़दार थे वो…!!

– गुलज़ार शायरी

 

बेज़ुबान नहीं है कोई भी शख़्स यहाँ लेक़िन...

बेज़ुबान नहीं है कोई भी शख़्स यहाँ लेक़िन…
चुप रह जाना पड़ता है अपनों का सोचकर…!!

– गुलज़ार शायरी

 

घर के मसअले भी तोड़ देते हैं बहुत लोगों को...

घर के मसअले भी तोड़ देते हैं बहुत लोगों को…
वरना सपनों के पीछे भागनें में किसी को ऐतराज़ क्यों होता…!!

– गुलज़ार शायरी

 

इसके बग़ैर घर से निकलना अच्छा नहीं लगता...

इसके बग़ैर घर से निकलना अच्छा नहीं लगता…
तो अब बाज़ार जाते वक़्त भी बस्ता टांग लेते हैं…!!

– गुलज़ार शायरी

 

चल एक और तमाचा मार ही ले...

चल एक और तमाचा मार ही ले…
मगर ऐ जिंदगी वो तोहफ़ा दे कर जाना…!!

– गुलज़ार शायरी

 

लुट जानें पर भी हम ऐतराज़ नहीं करते...

लुट जानें पर भी हम ऐतराज़ नहीं करते…
शर्त इतनीं की वो शख़्स अपना न हो…!!

– गुलज़ार शायरी

 

किसके हाथ में प्याली है किसके मुंह में बोटी है

किसके हाथ में प्याली है किसके मुंह में बोटी है
बहुत कुछ जानता हूं मैं मेरी बस उम्र छोटी है..!!

– गुलज़ार शायरी

 

एक बार तो यूँ होगा कि थोड़ा सा सुकून होगा,

एक बार तो यूँ होगा कि थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी और ना सर पे जूनून होगा!!

– गुलज़ार शायरी

 

बचपन का शोर सुकून देता था,

बचपन का शोर सुकून देता था,
आज की ख़ामोशी खाने को दौड़ती है।

– गुलज़ार शायरी

 

गुज़रा वक़्त याद करके रोना नहीं तुम,

गुज़रा वक़्त याद करके रोना नहीं तुम,
गुज़रा इसलिए के वक़्त अच्छा आने वाला है!!

– गुलज़ार शायरी

 

रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो,

रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो,
दिन की चादर अभी उतारी है।

– गुलज़ार शायरी

 

उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर...

उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर…
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले ।

– गुलज़ार शायरी

 

कब तक होश संभाले कोई, होश उड़े तो उड़ जाने दो,

कब तक होश संभाले कोई,
होश उड़े तो उड़ जाने दो,
दिल कब सीधी राह चला है,
राह मुड़े तो मुड़ जाने दो!!

– गुलज़ार शायरी

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