Gulzar Shayari on Zindagi

Gulzar की ज़िन्दगी पर शायरी जीवन की जटिलताओं और खूबसूरती को गहराई से समझने का एक तरीका है। उनकी शायरी में भावनाओं, संघर्षों और खुशियों के वो लम्हे होते हैं जो हमारी ज़िन्दगी को परिभाषित करते हैं। सरल शब्दों में गहरी बातें कहना गुलज़ार की ख़ासियत है, जो दिल के करीब लगती हैं। Gulzar ki shayari on Zindagi in Hindi हमें ज़िन्दगी के हर पहलू को करीब से महसूस कराने का एक जरिया है, जहां हर शेर हमारे दिल की आवाज़ बनकर उभरता है। Shayari by Gulzar on Zindagi जीवन की गहराइयों से जोड़ती है और उसे नए नज़रिए से देखने पर मजबूर करती है।

गुलज़ार की शायरी की अहमियत इस बात में है कि वो हमें जीवन के सफर में एक साथी की तरह महसूस होती है। उनकी शायरी हमें निराशा में सुकून देती है, चुनौतियों में हिम्मत बंधाती है, और अकेलेपन में एक दोस्त का एहसास कराती है। Shayari on Zindagi by Gulzar महज़ कुछ शेर नहीं हैं, बल्कि जीवन की राह दिखाने वाली एक रौशनी हैं, जो हमें सिखाती हैं कि हर पल को कैसे जीना है और जीवन की साधारण चीज़ों में भी खूबसूरती कैसे देखनी है। Shayari on Zindagi Gulzar की नजरों से ज़िन्दगी की सच्चाई और उसकी गहराई को महसूस करने का एक तरीका है।

Gulzar ki shayari on Zindagi in Hindi | ज़िन्दगी पर गुलज़ार की शायरी हिंदी में

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा, क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।

“ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।”

– गुलज़ार शायरी

 

बहुत सुधर गया हूं मैं अब दूर रहता हूं अच्छे लोगों से.

“बहुत सुधर गया हूं मैं
अब दूर रहता हूं अच्छे लोगों से”

– गुलज़ार शायरी

 

जब से काबिलियत का मसअला उठा है... हमनें कोनें से मेहनत का दामन पकड़ रखा है...!!

“जब से काबिलियत का मसअला उठा है…
हमनें कोनें से मेहनत का दामन पकड़ रखा है…!!”

– गुलज़ार शायरी

 

पुकार लो एक ही बार में अपनें सब करीबियों को... देखो मौत के दर पर कोई साथ जानें को तैयार है क्या...!!

“पुकार लो एक ही बार में अपनें सब करीबियों को…
देखो मौत के दर पर कोई साथ जानें को तैयार है क्या…!!”

– गुलज़ार शायरी

 

वो ग़लत कहते हैं कि दौलत बुरी चीज़ है...

“वो ग़लत कहते हैं कि दौलत बुरी चीज़ है…
दुनियाँ में दौलत ज़िन्दगी से ज़्यादा कम नहीं…!!”

– गुलज़ार शायरी

 

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं

“तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं,
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।”

– गुलज़ार शायरी

 

ना राज़ है “ज़िन्दगी”, ना नाराज़ है “ज़िन्दगी

“ना राज़ है “ज़िन्दगी”, ना नाराज़ है “ज़िन्दगी”,
बस जो है, वो आज है ज़िन्दगी।”

– गुलज़ार शायरी

 

लगता है ज़िन्दगी आज खफा है

“लगता है ज़िन्दगी आज खफा है
चलिए छोड़िये, कोनसी पहली दफा है!!”

– गुलज़ार शायरी

 

सोते सोते एक एक दिन गुज़रते रहे आराम से

“सोते सोते एक एक दिन गुज़रते रहे आराम से…
बाद में पाया कि तमाम उम्र यूँ ही कट गई…!!”

– गुलज़ार शायरी

 

 

हमसफ़र बना रहा केवल मेरा ईमान उम्र भर

“हमसफ़र बना रहा केवल मेरा ईमान उम्र भर…
वरना तो लोग ज़रूरत के हिसाब से आते जाते रहे हैं…!!”

– गुलज़ार शायरी

 

कहाँ से कहाँ तक कि बात लिख लें

“कहाँ से कहाँ तक कि बात लिख लें…
हर क़दम तो तालू में चुभा था कुछ न कुछ…!!”

– गुलज़ार शायरी

 

ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ

“ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं।”

– गुलज़ार शायरी

 

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है

“कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता…!!”

– गुलज़ार शायरी

 

जिन्दगी की दौड़ में, तजुर्बा कच्चा ही रह गया

“जिन्दगी की दौड़ में, तजुर्बा कच्चा ही रह गया।
हम सीख न पाये ‘फरेब’, और दिल बच्चा ही रह गया।।”

– गुलज़ार शायरी

 

एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियाँ पाल ली

“एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियाँ पाल ली,
और लोग कहते हैं की हम बड़े हो गए हमने ज़िंदगी संभाल ली।”

– गुलज़ार शायरी

 

मैंने मौत को देखा तो नहीं, पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।

“मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं।।”

– गुलज़ार शायरी

 

कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए

“कुछ अलग करना हो तो
भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं
मगर पहचान छिन लेती हैं”

– गुलज़ार शायरी

 

अच्छी किताबें और अच्छे लोग

“अच्छी किताबें और अच्छे लोग
तुरंत समझ में नहीं आते हैं,
उन्हें पढना पड़ता हैं !!”

– गुलज़ार शायरी

 

इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी

“इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां !!”

– गुलज़ार शायरी

 

थोड़ा सा रफू करके देखिए ना

“थोड़ा सा रफू करके देखिए ना
फिर से नई सी लगेगी
जिंदगी ही तो है !!”

– गुलज़ार शायरी

 

एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद

“एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं…..!!”

– गुलज़ार शायरी

 

घर में अपनों से उतना ही रूठो

“घर में अपनों से उतना ही रूठो
कि आपकी बात और दूसरों की इज्जत,
दोनों बरक़रार रह सके…..!!”

– गुलज़ार शायरी

 

मिलता तो बहुत कुछ है ज़िन्दगी में

“मिलता तो बहुत कुछ है ज़िन्दगी में
बस हम गिनती उन्ही की करते है जो हासिल न हो सका!!”

– गुलज़ार शायरी

 

सहम सी गयी है ख्वाइशें

“सहम सी गयी है ख्वाइशें
ज़रूरतों ने शायद उन से
ऊँची आवाज़ में बात की होगी!!”

– गुलज़ार शायरी

 

यूं तो ऐ जिंदगी तेरे सफर से शिकायते बहुत थी

“यूं तो ऐ जिंदगी तेरे सफर से
शिकायते बहुत थी
मगर दर्द जब दर्ज करने पहुंचे
तो कतारें बहुत थी….!”

– गुलज़ार शायरी

 

जिंदगी ये तेरी खरोंचे है मुझ पर

“जिंदगी ये तेरी खरोंचे है मुझ पर
या फिर तू मुझे तराशने की कोशिश में है.”

– गुलज़ार शायरी

 

तस्वीरें लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब

“तस्वीरें लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब
आईने गुजरा हुआ वक्त नहीं बताया करते ”

– गुलज़ार शायरी

 

अजीब सी दुनिया है यह साहब

“अजीब सी दुनिया है यह साहब,
यहां लोग मिलते कम एक दूसरे में झांकते ज्यादा है।।”

– गुलज़ार शायरी

 

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