Gulzar Barish Shayari

Gulzar Barish Shayari एक ऐसी शायरी का संग्रह है जो बारिश से जुड़ी गहरी भावनाओं को बहुत खूबसूरती से व्यक्त करती है। गुलज़ार, जो भारतीय साहित्य के सबसे सम्मानित कवियों में से एक हैं, उनके द्वारा लिखी गई shayari on barish में प्यार, तन्हाई, और यादों की मिठास को बेहद बारीकी से उकेरा गया है। उनकी शायरी में हर बूंद एक कहानी बयां करती है, जो पाठकों को एक ऐसे संसार में ले जाती है जहां बारिश की आवाज़ भावनाओं का संगीत बन जाती है। अगर आप उन लोगों में से हैं जो बारिश में सुकून पाते हैं, तो barish shayari by gulzar आपके दिल को छू लेगी।

Gulzar shayari on barish को पढ़ना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह सिर्फ काव्यात्मक सुंदरता ही नहीं बल्कि जीवन के अनुभवों का भी प्रतिबिंब है। गुलज़ार की शायरी में बारिश का प्रतीक नवीकरण, सफाई, और यादों की कड़वाहट-मीठास का प्रतीक है। उनकी शब्दों की गहराई, जो हर आम घटना को खास बना देती है, यही barish gulzar shayari की खासियत है। चाहे वह पहले प्यार की खुशी हो, जुदाई का दर्द हो, या साथ का सुकून हो, गुलज़ार की शायरी उन सभी भावनाओं को उकेरती है जो बारिश के दौरान हमारे दिल में उठती हैं, और इसी कारण उनकी शायरी सदाबहार और पठनीय है।

barish shayari by gulzar को पोस्ट करने का हमारा उद्देश्य यह है कि हम अपने पाठकों के साथ भावनात्मक स्तर पर जुड़ सकें, उन्हें आत्मचिंतन का मौका दें, और गुलज़ार की कविताओं के माध्यम से बारिश को एक नए नजरिए से देखने का अवसर प्रदान करें। इन शायरियों को साझा करके हम उन लोगों के दिलों में जगह बनाना चाहते हैं जो शायरी की कला को पसंद करते हैं और जिनकी भावनाओं को बारिश छू जाती है।

अंत में, barish gulzar shayari सिर्फ बारिश की बात नहीं है; यह उन भावनाओं की बात है जो बारिश के दौरान हमारे अंदर उठती हैं। Gulzar shayari on barish को पढ़कर पाठक खुद को उन शब्दों में डूबा हुआ पाएंगे, जहां बारिश की हर बूंद अनकही बातों और अधूरे सपनों का बोझ लिए होती है।

Gulzar Barish Shayari in Hindi | गुलज़ार बारिश शायरी हिंदी में

बारिश और मोहब्बत दोनों ही यादगार होते हैं,

बारिश और मोहब्बत दोनों ही यादगार होते हैं,
बारिश में जिस्म भीगता है और मोहब्बत में आँखे।

 

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में,
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देती है।

 

मैं चुप कराता हूँ हर शब उमड़ती बारिश को

मैं चुप कराता हूँ हर शब उमड़ती बारिश को,
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है।

 

खुद भी रोता है, मुझे भी रुला देता है

खुद भी रोता है, मुझे भी रुला देता है,
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है।

 

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
ना चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है।

 

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशों में भीगने का।

 

बरसात का बादल तो दीवाना है, क्या जाने

बरसात का बादल तो दीवाना है, क्या जाने,
किस राह से बचना है, किस छत को भिगोना है।

 

जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएँगे,

जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएँगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पाएँगे।

 

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,
अब याद आते हो तो बारिश होती है।

 

रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर,

रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर,
उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।

 

ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद,

ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद,
चलो फिर मिलते हैं एक कप चाय के साथ।

 

मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है,

मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है,
कागज़ की हवेली है, बारिश का ज़माना है।

 

कहीं फिसल न जाऊं तेरे खयालों में चलते चलते,

कहीं फिसल न जाऊं तेरे खयालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको, मेरे शहर में बारिश हो रही है।

 

हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने,

हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने,
बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती हैं बहाने।

 

कभी बेपनाह सी पड़ी, कभी गुम सी है,

कभी बेपनाह सी पड़ी, कभी गुम सी है,
यह बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है।

 

मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है,

मासूम प्यार का बस इतना सा फसाना है,
कागज की नाव और बरसात का मौसम है।

 

सांस बन कर तुम मेरे दिल में समा जाते हो,

सांस बन कर तुम मेरे दिल में समा जाते हो,
जब भी तुम्हें याद करता हूँ, बरसात बन के आ जाते हो।

 

बड़ा सुहावन होता है मौसम बारिश का,

बड़ा सुहावन होता है मौसम बारिश का,
दो दिलों को मिला देता है मौसम बारिश का।

 

फितरत तो कुछ यूं भी है इंसान की,

फितरत तो कुछ यूं भी है इंसान की,
बारिश खत्म हो जाए तो छतरी भी बोझ लगती है।

 

दोस्ती उन बारिश की तरह होती है,

दोस्ती उन बारिश की तरह होती है,
जो सूखी ज़मीन को हमेशा हरा भरा रखती है।

 

किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर,

किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर,
हमने ख़ुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर।

 

रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,

रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,
बरसात में कागज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।

 

यह बारिश गुनगुनाती थी इसी छत के मुंडेरों पर,

यह बारिश गुनगुनाती थी इसी छत के मुंडेरों पर,
ये घर की खिड़कियों के कांच पर, उंगली से लिख जाती थीं संदेशें।

 

ये बारिश का मौसम भी फीका सा लगता है, तुम बिन ये सावन भी अधूरा सा लगता है।

ये बारिश का मौसम भी फीका सा लगता है,
तुम बिन ये सावन भी अधूरा सा लगता है।

 

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है,

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है,
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की।

 

मुझे ऐसा ही जिंदगी का हर एक पल चाहिए,

मुझे ऐसा ही जिंदगी का हर एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए।

 

कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से,

कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से,
कि मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले।

 

इश्क़ की राह में हम जो चल पड़े,

इश्क़ की राह में हम जो चल पड़े,
ख़ुदा ने ख़ुशियों की बारिश तामीर कर दी।

 

बेशुमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से

बेशुमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत में इतना गिर जाता है।

 

बता किस कोने में सुखाऊं तेरी यादें, बरसात बाहर भी है और भीतर भी।

बता किस कोने में सुखाऊं तेरी यादें,
बरसात बाहर भी है और भीतर भी।

 

उधड़ी सी किसी फिल्म का एक सीन थी बारिश

उधड़ी सी किसी फिल्म का एक सीन थी बारिश,
इस बार मिली मुझसे तो गमगीन थी बारिश।
कुछ लोगों ने रंग लूट लिए शहर में इसके,
जंगल से जो निकली थी वो रंगीन थी बारिश।

 

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